Test text for post Hindi.
List of Samskaaras
स्मार्त कर्मा
पञ्च महा यज्ञ - ५
सप्त पाक यज्ञ - ७
श्रौत कर्मा
सप्त सोम यज्ञ - ७
सप्त हविर यज्ञ - ७
अभिवादनम
ggஸம்ஸ்காரம் வேதம் கூறும் வழியில் வாழ்க்கையை நடத்த உதவுகிறது. வேதத்தின் அடிப்படையில் வாழும் வாழ்க்கையே முழுமையான வாழ்க்கை முறையாகும். இந்த வாழ்க்கை முறையை அனுஷ்டித்தால்நாம் நம் மனம்,உடல் மற்றும் ஆத்மாவில் முழுமை அடைய முடியும். நம் முன்னோர்கள் காண்பித்து கொடுத்த இந்த ஸம்ஸ்காரங்கள் நம்மை சம்சார சாகரத்தை கடக்க,உதவும் தோணியாக அமைந்துள்ளது. இந்த வேத வழி வாழ்க்கையை நம் முன்னோர்கள் செய்தும்,செய்வித்தும் வாழ்ந்தும் காட்டி வந்தார்கள். ஸம்ஸ்காரம் வேதம் கூறும் வழியில் வாழ்க்கையை நடத்த உதவுகிறது. வேதத்தின் அடிப்படையில் வாழும் வாழ்க்கையே முழுமையான வாழ்க்கை முறையாகும். இந்த வாழ்க்கை முறையை அனுஷ்டித்தால்நாம் நம் மனம்,உடல் மற்றும் ஆத்மாவில் முழுமை அடைய முடியும். நம் முன்னோர்கள் காண்பித்து கொடுத்த இந்த ஸம்ஸ்காரங்கள் நம்மை சம்சார சாகரத்தை கடக்க,உதவும் தோணியாக அமைந்துள்ளது. இந்த வேத வழி வாழ்க்கையை நம் முன்னோர்கள் செய்தும்,செய்வித்தும் வாழ்ந்தும் காட்டி வந்தார்கள். ஸம்ஸ்காரம் வேதம் கூறும் வழியில் வாழ்க்கையை நடத்த உதவுகிறது. வேதத்தின் அடிப்படையில் வாழும் வாழ்க்கையே முழுமையான வாழ்க்கை முறையாகும். இந்த வாழ்க்கை முறையை அனுஷ்டித்தால்நாம் நம் மனம்,உடல் மற்றும் ஆத்மாவில் முழுமை அடைய முடியும். நம் முன்னோர்கள் காண்பித்து கொடுத்த இந்த ஸம்ஸ்காரங்கள் நம்மை சம்சார சாகரத்தை கடக்க,உதவும் தோணியாக அமைந்துள்ளது. இந்த வேத வழி வாழ்க்கையை நம் முன்னோர்கள் செய்தும்,செய்வித்தும் வாழ்ந்தும் காட்டி வந்தார்கள்.
2. परवर्ती दिये गए 7 हविरयज्ञ और 7 सोमयज्ञ श्रौत कर्मा में वर्गीकृत किया जाता है. ये सब 3 अगनियों अर्थात “त्रेताग्नि”, 1। गार्हपत्य अग्नि, 2। आहवनीय अग्नि और 3। दक्षिणाग्नि के साथ किया जाता है | श्रौता कर्मों विस्तार से किया जाता है, कुछ घर पर किया जाता है और कुछ विशेष यागशाला मे बड़े पैमाने पर किया जाता है | ये या मानव शांति के लिए या किसी कुल के लिए किया जाता है। श्रौता कर्मों स्पष्टीकरण और प्रक्रियाओं कल्प सूत्रों मे प्रस्तुत है।
स्मृतियों मे मनुष्य के ४० संस्कारों और ८ आत्मगुणों का वर्णन है |
ऋषि गौतम, अपने धर्मशास्त्र में अध्याय 8, संस्कारवर्णान में कहते हैं : 2. परवर्ती दिये गए 7 हविरयज्ञ और 7 सोमयज्ञ श्रौत कर्मा में वर्गीकृत किया जाता है. ये सब 3 अगनियों अर्थात “त्रेताग्नि”, 1। गार्हपत्य अग्नि, 2। आहवनीय अग्नि और 3। दक्षिणाग्नि के साथ किया जाता है | श्रौता कर्मों विस्तार से किया जाता है, कुछ घर पर किया जाता है और कुछ विशेष यागशाला मे बड़े पैमाने पर किया जाता है | ये या मानव शांति के लिए या किसी कुल के लिए किया जाता है। श्रौता कर्मों स्पष्टीकरण और प्रक्रियाओं कल्प सूत्रों मे प्रस्तुत है।
स्मृतियों मे मनुष्य के ४० संस्कारों और ८ आत्मगुणों का वर्णन है |
ऋषि गौतम, अपने धर्मशास्त्र में अध्याय 8, संस्कारवर्णान में कहते हैं :
श्रुतियों और स्मृतियों के अनुसार आचमननिम्नलिखित समयों मे करना चाहिए:
अपने दाँत साफ करने के बाद एक बार, पेशाब के बाद दो बार, और आंत(मल) सफाई के बाद तीन बार आचमन करना चाहिए। एक बार स्नान के पहले और दो बार स्नान के बाद। पानी पीने और कठिन पदार्थ खाने के लिए भी यही शासन है। भोजन करने के पहले और भोजन के बाद दो बार जप, हवन, होम /त्रिकाल संध्या, अर्चना, दान देने और दान प्राप्त करने के पहले दो बार और बाद मे एक बार।
श्रुतियों और स्मृतियों के अनुसार आचमननिम्नलिखित समयों मे करना चाहिए:
अपने दाँत साफ करने के बाद एक बार, पेशाब के बाद दो बार, और आंत(मल) सफाई के बाद तीन बार आचमन करना चाहिए। एक बार स्नान के पहले और दो बार स्नान के बाद। पानी पीने और कठिन पदार्थ खाने के लिए भी यही शासन है। भोजन करने के पहले और भोजन के बाद दो बार जप, हवन, होम /त्रिकाल संध्या, अर्चना, दान देने और दान प्राप्त करने के पहले दो बार और बाद मे एक बार।
“संस्कार” ऊपर सूचीबद्ध अनमोल ग्रंथों का एक उद्धरण हैं. धार्मिक संस्कारों को निभाने से मनुष्य अपने मन को शुद्ध एवं स्थिर रख सकता है और इस तरह वह आत्मा पर अच्छा धारणा/प्रदर्शन बरकरार सकता है |
तो अब संस्कार के २ अर्थों के बीच की दूरी निकल गयी होगी |
हमने यहाँ ४६ संस्कारों को सूचीबद्ध किया है. “संस्कार” ऊपर सूचीबद्ध अनमोल ग्रंथों का एक उद्धरण हैं. धार्मिक संस्कारों को निभाने से मनुष्य अपने मन को शुद्ध एवं स्थिर रख सकता है और इस तरह वह आत्मा पर अच्छा धारणा/प्रदर्शन बरकरार सकता है |
तो अब संस्कार के २ अर्थों के बीच की दूरी निकल गयी होगी |
हमने यहाँ ४६ संस्कारों को सूचीबद्ध किया है. “संस्कार” ऊपर सूचीबद्ध अनमोल ग्रंथों का एक उद्धरण हैं. धार्मिक संस्कारों को निभाने से मनुष्य अपने मन को शुद्ध एवं स्थिर रख सकता है और इस तरह वह आत्मा पर अच्छा धारणा/प्रदर्शन बरकरार सकता है |
तो अब संस्कार के २ अर्थों के बीच की दूरी निकल गयी होगी |
हमने यहाँ ४६ संस्कारों को सूचीबद्ध किया है.
क्या आप बहुत बीसी हैं? योगासन के लिए समय नहीं है क्या? आचमनं करके देखिये। ये (कुक्कुटासना) जो है, ये जोड़ों और पीठ को मजबूत करता है। यह पेट की दीवारों को भी मज़बूत करताहै और पाचन में मदद करता है। हालांकि इस मुद्रा में ‘प्रभु के नाम’ लेते हुए पानी स्वीकार करने से आंतरिक पवित्रता मिलती है।
क्या आप बहुत बीसी हैं? योगासन के लिए समय नहीं है क्या? आचमनं करके देखिये। ये (कुक्कुटासना) जो है, ये जोड़ों और पीठ को मजबूत करता है। यह पेट की दीवारों को भी मज़बूत करताहै और पाचन में मदद करता है। हालांकि इस मुद्रा में ‘प्रभु के नाम’ लेते हुए पानी स्वीकार करने से आंतरिक पवित्रता मिलती है।
क्या आप बहुत बीसी हैं? योगासन के लिए समय नहीं है क्या? आचमनं करके देखिये। ये (कुक्कुटासना) जो है, ये जोड़ों और पीठ को मजबूत करता है। यह पेट की दीवारों को भी मज़बूत करताहै और पाचन में मदद करता है। हालांकि इस मुद्रा में ‘प्रभु के नाम’ लेते हुए पानी स्वीकार करने से आंतरिक पवित्रता मिलती है।
Hindi Tab Content